नई दिल्ली: जब से निर्मला सीतारमण नई रक्षा मंत्री बनी है, तब से वे लगातार अपनी सक्रियता दिखा रहीं हैं। अपने विभाग की कार्यशैली को समझने के साथ ही वे नई व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रही हैं। रक्षा मंत्री अधिग्रहण प्रस्तावों की गति तेज करने पर विशेष जोर दे रही हैं। इसीलिए किसी विषय पर त्वरित निर्णय लेने के लिए उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव के साथ रोजाना बैठक शुरू करने का नियम बनाया है।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री सीतारमण ने रक्षा तैयारियों और रणनीतिक हितों से जुड़े मामलों की समीक्षा के लिए तीनों सेना प्रमुखों के साथ कई बैठकें तय की है। बता दें कि इनमें रक्षा से सम्बद्ध परियोजनाओं के लिए जमीन के मामलों के साथ ही रक्षाकर्मियों एवं उनके परिवारों से जुड़े मुद्दों के हल पर भी चर्चा की जाएगी। यही नहीं विभाग का काम-काज निश्चित समय सीमा में हो, इसके लिए उन्होंने हर 15 दिन में डीएसी बैठक करने का भी निर्णय लिया है।
जैसे कि पता ही है कि महिला को शक्तिस्वरूपा भी माना गया है, इसलिए रक्षा मंत्री जैसे अहम पद पर जब से निर्मला सीतारमण आसीन हुई हैं, उन्होंने हाल ही में कुछ ऐसे निर्णय लिए हैं जो उल्लेखनीय हैं. इनमें रक्षा मंत्री एक्स-सर्विसमेन फंड (आरएमईडब्ल्यूएफ) से वित्तीय सहायता को मंजूरी, आईएनएसवी तारिणी नौका पर दुनिया की सैर को निकली भारतीय नौसेना के छह सदस्यीय महिला चालक दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना, भारत-पाक सीमा पर स्थित उत्तरलाई वायु सेना स्टेशन का निरीक्षण और मिग 21 बाइसन के कॉकपिट में बैठकर फाइटर जेट की ताकत को समझना प्रमुख है।
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