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strong>नूयार्क: सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अफगानिस्तान की स्थितियों पर एक बैठक आयोजत की गई थी, जिसमे अफगानिस्तान में हो रही हिंसा,उपद्रव आतंकी गतिविधियों पर चर्चा की गई. चर्चा के दौरान अफगानिस्तान के विकास और वैश्विक समर्थन से विकास के कार्यों पर भी बात हुई. इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने इन सब बुराईयों के लिए पाक़िस्तान को जिम्मेदार ठहराया.
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इस अहम् बैठक में सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा कि अफगानिस्तान के तालिबानी अपने साथी और सहयोगियों की मदद से, मानवीय मूल्यों की धज्जियाँ उड़ाते हुए हिसात्मक करवाई को अंजाम दिए हैं और यह उन सहयोगियों की ही वजह से जारी है जो, पड़ोस में ही आतंकवादियों और तालिबानियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बने हुए हैं, जिसका उदाहरण हैं- हाल ही में क़ाबुल पर हुए हमले. उन्होंने आगे बताया ऐसे आक्रमण करने वाले और इनकी योजना बनाने वाले अफगानिस्तान के अड़ोस-पड़ोस में स्थित उसी पनागाहों में सुरक्षित तौर पर आराम से रह रहे हैं. यहीं वर्षों से हक्कानी नेटवर्क, अल-क़ायदा, दाऐश, लश्कर-ए-तैय्यबा, तालिबान फलते-फूलते रहे यहीं से इनके सारे नापाक एजेंडों को तैयार किया गया और पालन-पोषण कर के बड़ा किया गया, जो आज सारी दुनिया में आतंक और बर्बादी सबब बना हुआ है.
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आतंकवादियों द्वारा जाली नोट और नशीली दवाओं की तस्करी के माध्यम से धन संजोया जाता है. अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने पर भी इन्हे धन मिल जाता है, अफगानिस्तान को तालिबानी और उनके पड़ोसी पनाहगाह में आराम फरमा रहे आतंक और दहशत के जिम्मेदार जिनके साथ यहां की सरकार भी सहयोग करती है. अफगान ही नहीं सम्पूर्ण आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में ही आकर मिलती हैं यह एक दो आतंकी संगठन नहीं बल्कि यहाँ आतंक की व्यापक खेती होती है.
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