"30 जून को भाटिया परिवार के 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या की थी."
हाल ही में पिछले महीने यानी 30 जून को दिल्ली में हुए बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे है, आज इस घटना को 17 दिन होने को आए है लेकिन यह डेथ मिस्ट्री पूरी तरह से सुलझ नहीं पाई है. वहीं इस मामले में पुलिस ने एक खुलासा किया है, जिसके अनुसार सामूहिक आत्महत्या का मास्टर माइंड कहा जाने वाला भाटिया परिवार के छोटे बेटे ललित के इस प्लान से बड़ा भाई भुवनेश भाटिया सहमत नहीं था.
"तंत्र-विद्या और अन्धविश्वास के झांसे में आ गया था, परिवार"
आपको बता दें, इस पुरे घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए एक तरह से आरोपी की तरह देखा जा रहा ललित, अन्धिवश्वास में मानसिक रूप से पागल हो गया था. वहीं कहा यह भी गया है कि ललित ही वह शख्स है जिसने घर के बाकी लोगों को भी प्रेरित किया है. वहीं पुलिस जांच में एक और चीज सामने आ रही है जिसके अनुसार जब लाशों को फंदे से निकाला जा रहा था, तभी भुवनेश के हाथों की स्थिति बाकी लोगों से बिलकुल ही अलग थी.
"परिवार को मरने से पहले उम्मीद थी कि उनके स्वर्गवासी पिता उन्हें बचाने के लिए आएँगे"
जांच में पाया गया कि भुवनेश का एक हाथ पीछे रस्सी से बंधा हुआ था वहीं एक हाथ छूटा हुआ था. पुलिस का मानना है कि फांसी पर झूलने से पहले ललित ने ही भुवनेश को प्रेरित किया होगा. वहीं जब भुवनेश फांसी पर झूल गया उसी समय उसे अपनी गलती का एहसास हुआ होगा और उसने जान बचाने के लिए खुद के एक हाथ से फंदे से निकलने की कोशिश की होगी लेकिन वो इस कोशिश में नाकामयाब रहा होगा. हालाँकि इस घटना के और भी कई पहलू निकल कर आए थे जिन पर अभी पुलिस जांच कर रही है.
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