भगवान श्री राम मंदिर जन्मभूमि विवाद पर आए दिन सियासी चर्चा होती रहती है. सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि मामले की अगली सुनवाई अब 15 मई तक के लिए टाल दी हैं. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 मई को होगी. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच काे कहा है कि इस मामले को बड़े संवैधानिक बेंच को सौंपा जाए.
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने इस मामले में कोर्ट से अपील भी की है, और कहा है कि राष्ट्रीय महत्व वाले इस केस की व्यापक तौर पर स्वीकृति जरूरी है. इस मामले की सुनवाई टालने के पीछे का कारण मुस्लिम पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजीव धवन की बीमारी बताई जा रही हैं.
इस मामले में हिंदू महासभा के अधिवक्ता विष्णु शंकर ने कहा है कि यह मामला संविधान का नहीं है, सिर्फ एक संपत्ति विवाद है. इसलिए इसे लार्जर बेंच में भेजने की कोई जरूरत नहीं है. वहीं कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही इसे संविधान पीठ के हाथों में सौंपने पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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