नवरात्र के दिन माँ दुर्गा की बड़ी धूम धाम से पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है की नवरात्र में सभी ग्रहों की शक्ति एक साथ हो जाती है अगर जिस मनुष्य पर इन ग्रहों की दशा पड़ती है वह अधिक दुखदायी होती है. इसलिए वास्तु के मुताबिक़ इन ग्रहों की दशा से बचने के लिए उपाय बताये गए है. इन उपाय को करने के बाद आप पर गृह की बुरी दशा हावी नहीं हो पाएगी-
माँ दुर्गा दुखों का नाश करने वाली है इसलिए नवरात्रि के दिन माँ दुर्गा की पूजा बड़ी श्रद्धा से करनी चाहिये. ऐसा करने से नौ ग्रहों द्वारा उत्पन्न शक्तियों का प्रभाव हम पर से कम हो जाता है. क्योकि नवरात्रि में नौ दुर्गा की पूजा करने से नौ शक्तियां जाग्रत होती है और इसी के तहत यह शक्तियां हमें गृहों द्वारा बुरे प्रभाव से बचाती है और इस कारण से हमारे सारे दुखों का नाश हो जाता है.
नौ दुर्गा की पूजा के समय इन मंत्रो का जाप अवश्य करें-
“'ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे'”
ऐं का संबंध नवार्ण मंत्र के नौ अक्षरों में पहला अक्षर ऐं है, जो दुर्गा की पहली शक्ति शैलपुत्री से है जिनकी उपासना 'प्रथम नवरात्रि' के पहले दिन की जाती है.
दूसरा अक्षर ह्रीं है, जो चंद्रमा ग्रह को नियंत्रित करता है, इसका संबंध दुर्गा मां की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी से है जिनकी पूजा दूसरे दिन होती है.
तीसरा अक्षर क्लीं है, चौथा अक्षर चा, पांचवां अक्षर मुं, छठा अक्षर डा, सातवां अक्षर यै, आठवां अक्षर वि तथा नौवा अक्षर चै है जो मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रहों को नियंत्रित करते हैं.
इन अक्षरों से संबंधित दुर्गा की शक्तियां क्रमशः चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री हैं, जिनकी आराधना क्रमश: तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे, सातवें, आठवें तथा नौवें नवरात्रि को की जाती है.
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