पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार योजनाओ के क्रियान्वन पर कितना ध्यान दे रहे है उसका एक उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला. मुख्यमंत्री ने राज्य में अवैध शराब की शिकायत पर तुरंत कार्यवाही पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से शराब के कारोबार करने वालों में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है, पर सही लोगो तक अभी भी हम नहीं पहुंच पा रहे है. उन्होंने कहा इस अवैध व्यवसाय में लिप्त सारे सिस्टम को ध्वस्त करना होगा. अगर दस-बीस आपूर्तिकर्ता पकड़े गये तो यह अवैध धंधा स्वतः ध्वस्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सुधार का मुख्य बिन्दू है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के पूर्व लोग शराब पिकर अपनी सारी कमाई उड़ा देते थे, आज वही पैसा दूसरे काम में लग रहा है, इससे ग्रोथ रेट भी बढ़ेगा''.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मद्य निषेध कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध बिहार, पटना के कार्यालय को आवष्यक मानव एवं भौतिक संसाधनों से लैष किया जायेगा. उन्होंने निर्देश दिया कि अवैध शराब के व्यवसाय में संलिप्त लोगों, असामाजिक तत्वों एवं अपराधियों के विरूद्ध अनुसंधान, गिरफ्तारी, आरोप पत्र, विचारण की कार्रवाई त्वरित ढ़ंग से कराना सुनिश्चित किया जाय .मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग एवं जिला की मुख्य सड़कों पर अपराध नियंत्रण एवं शराब लदे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु आवश्यक तकनीक की व्यवस्था की जाय.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री एसके सिंघल, अपर पुलिस महानिदेशक,पुलिस महानिदेशक श्री पीके ठाकुर, विकास आयुक्त श्री शिशिर सिन्हा, प्रधान सचिव गृह एवं मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री आमिर सुबहानी, विधि व्यवस्था श्री आलोक राज, पुलिस महानिरीक्षक, विशेष शाखा एवं आर्थिक अपराध इकाई श्री जेएस गंगवार, पुलिस महानिरीक्षक श्री पारसनाथ, पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध श्री रत्न संजय आदि अधिकारी थे.
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