नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कोई भी चैरिटी के लिए निवेश नहीं करता. वित्तमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बदले लाभांश और अन्य पूंजीगत लाभों के रूप में विदेशी निवेशकों को दी जाने वाली राशि के संबंध में किए गए सदस्यों के सवालों के जवाब में यह बात कही.
अरुण जेटली ने कहा जो कोई भी व्यक्ति निवेश करता है, चाहे घरेलू स्तर पर या विदेशी स्तर पर, वह लाभांश या अन्य जो भी शुल्क बनता है, वह चाहता है. वित्तमंत्री ने कहा, "कोई भी चैरिटी के लिए निवेश नहीं करता यदि निवेशक को हमारे यहां लाभ नहीं होगा तो वह किसी और देश में जाकर निवेश करेगा."
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसके साथ ही बताया कि पिछले दो साल में एफडीआई में रिकॉर्ड 53 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो सबसे अधिक है उन्होंने इस वृद्धि को सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का सकारात्मक परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कई क्षेत्रों को एफडीआई के लिए खोला है तथा कुछ और अन्य क्षेत्रों को अभी खोला जाना बाकी है
उन्होंने कहा कि एफडीआई को आकर्षित करने के लिए कुछ शर्तें होती हैं और उन शर्तों को भी सुचारु बनाया जा रहा है. एफडीआई के बदले निवेश करने वाली कंपनियों द्वारा लाभांश लेने के संबंध में वित्तमंत्री ने कहा कि यह किसी भी तरह गैरकानूनी या कारोबार के सिद्धांतों के विपरीत नहीं है.