इंसुलिन हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है. इंसुलिन के जरिए ही रक्त में, कोशिकाओं को शुगर मिलती है यानी इंसुलिन शरीर के अन्य भागों में शुगर पहुंचाने का काम करता है. इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं या सेल्स को ऊर्जा मिलती है. इसलिए डायबिटीज के रोगियों को इंसुलिन की अतिरिक्त खुराक दी जाती है.
1-डायबिटीज के रोगियों में ब्लड शुगर को सामान्य रखने के लिए इंसुलिन दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज के रोगियों को हमेशा इंसुलिन की जरूरत होती है, वास्तव में ऐसा नहीं है. टाइप2 डायबिटीज से ग्रस्त रोगी भी बिना इंसुलिन के इसका उपचार कर सकता है. दवाओं के साथ-साथ उचित खानपान और नियमित दिनचर्या के साथ टाइप2 डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है.
2-लोगों को लगता है कि इंसुलिन का इंजेक्शन प्रयोग करने में बहुत दर्द होता है. जबकि इंसुलिन इंजेक्शन इंजेक्शन बहुत पतला और छोटा होता है, जिससे बिलकुल भी दर्द नहीं होता.
3-इंसुलिन को चार प्रकारों में बांटा जाता है. शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन - इसका असर बहुत तेजी से (30-36 मिनट में) होता है और यह 6-8 घंटे तक प्रभावी रहता है. इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन - यह बहुत धीरे-धीरे (1-2 घंटे में) असर करता है और 10-14 घंटे तक प्रभावी रहता है. लॉग एक्टिंग इंसुलिन 24 घंटे तक प्रभावी रहता है और इंसुलिन का मिश्रण जो सबको मिलाकर प्रयोग किया जाता है.
4-अगर ऑप इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन का प्रयोग कर रहे हैं तो दिन में इनका प्रयोग दो बार करें. शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन का प्रयोग दिन में तीन बार करें और अगर आप लॉग एक्टिंग का प्रयोग कर रहे हैं तो इसे दिन में एक बार वो भी सोने से पहले प्रयोग करें.