सोल : जैसे कि पहले ही आशंका व्यक्त की जा रही थी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के व्यापक सैन्य अभ्यासों की शुरूआत की प्रतिक्रिया में परमाणु हमले की चेतावनी देने के कुछ ही दिन बाद आज उत्तर कोरिया ने पनडुब्बी चालित बैलिस्टिक मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण किया, जबकि संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा प्रस्तावों के अनुसार, उत्तर कोरिया पर किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का परीक्षण करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
इस बारे में दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि मिसाइल को उत्तरी सागर यानी जापान सागर में एक पनडुब्बी से सोल के समयानुसार तड़के पांच बजकर 50 मिनट पर दागा गया. अंतरराष्ट्रीय समयानुसार यह समय रात दो बजकर 20 मिनट का था. हालाँकि इस संक्षिप्त बयान में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई और न ही परीक्षण की सफलता के बारे में कुछ कहा गया.
बतादें कि यह प्रक्षेपण एक ऐसे समय पर किया गया है, जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव बढ़ रहा है. कुछ ही दिन पहले दक्षिण कोरिया और अमेरिका के हजारों सैनिकों ने अपने सालाना सैन्य अभ्यास ‘उल्ची फ्रीडम’ की शुरूआत की थी. सोल और वाशिंगटन का कहना है कि ऐसे संयुक्त अभ्यास पूरी तरह से रक्षात्मक हैं जबकि प्योंगयांग उन्हें जानबूझकर भड़काने वाली गतिविधियों के तौर पर देखता है.
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने सोमवार को सैन्य अभ्यास की निंदा करते हुए इसे ‘अक्षम्य आपराधिक कृत्य’ करार दिया था और साथ ही यह चेतावनी दी थी कि उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता के किसी भी उल्लंघन का परिणाम ‘अपनी रक्षा में पहले से ही कर दिए गए परमाणु हमले’ के रूप में सामने आएगा. इस अभ्यास के कारण विभाजित कोरियाई प्रायद्वीप में हमेशा तनाव बढ़ जाता है.
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुन-हे ने यह कहकर प्योंगयांग का गुस्सा और अधिक बढ़ा दिया कि विद्रोहों के कारण सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन के शासन में ‘गंभीर दरारें’ दिखाई दे रही हैं. उत्तरी कोरिया राष्ट्रीय एकता और किम के प्रति वफादारी बनाने के लिए ‘विभिन्न आतंकी हमलों और भड़काउ’ गतिविधियों को अंजाम दे सकता है.