भुवनेश्वर : ओडिशा विधानसभा में गत मंगलवार को ओडिशा सरकारी भाषा संशोधित बिल-2018 पारित होने के बाद सरकारी कार्यालय में ओड़िआ भाषा में अब कार्य करना अनिवार्य होगा.
आपको जानकारी दे दें कि ओड़िआ भाषा के विकास के लिए काम करने वालों को सरकार ने प्रोत्साहन देने का विचार कर इसके लिए योजना बनाई है. इसके लिए सरकारी, निजी प्रतिष्ठान में नामफलक यानी साइन बोर्ड ओड़िआ में लिखने के लिए कानून बनाए जाने के साथ विधानसभा में भाषा संशोधन बिल को पारित किया गया.
बता दें कि इस भाषा संशोधित बिल-2018 पारित होने के बाद सरकारी कार्यालयों मेंओड़िआ भाषा का प्रयोग न करने वाले कर्मचारियों को दण्डित भी किया जाएगा. इसके अलावा ओडिशा खर्च-2018 बिल भी विधानसभा में पारित हो गया .इस बिल के तहत राज्य सरकार राजकोष से 1.22 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सकेगी.वित्त मंत्री शशि भूषण बेहारा ने सदन में यह बिल पेश किया, जिसे वाचनिक वोट से पारित कर लिया गया.जबकि दूसरी ओर भाजपा विधायक बसंत पंडा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार की राशि का न तो सही उपयोग कर पा रही है और ना ही पूरी राशि खर्च हो पा रही है.इस कारण केंद्र सरकार की जनहित योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है.
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