नई दिल्ली। केंद्रीय नदी विकास, जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि सिंचाई के लिए नहरों की जगह अब इस्पात के पाइपों का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे भूमि अधिग्रहण की लागत कम होने और नवाचार को बढ़ावा देने जैसे दो प्रमुख फायदे होंगे।
जल संसाधन के साथ सड़क परिवहन, राजमार्ग और पोत परिवहन जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने गुरुवार को मोरक्को के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया।
गडकरी ने कहा, देश के एक भाग में हमारे पास काफी पानी है जबकि दूसरा हिस्सा पानी की कमी के संकट का सामना करता है। जल संरक्षण यहां महत्वपूर्ण है और हम इसी कारण नवाचार तथा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दे रहे हैं। हमने निर्णय किया है कि नहर की व्यवस्था के बजाय अब सिंचाई के लिए इस्पात के पाइप से जल की आपूर्ति करेंगे।
इससे भूमि अधिग्रहण की लागत कम होगी। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण जहां एक भारी कीमत का सौदा है, वहीं इस्पात के पाइप से एक तो लागत कम हो जाएगी साथ ही उसका परिणाम भी नहरों के मुकाबले दोगुना होगा। गडकरी ने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय में हम विभिन्न तकनीकों को अपना रहे हैं। साथ ही टपक सिंचाई को प्रोत्साहन दे रहे हैं। अब हम नदी जोड़ो परियोजना पर भी ध्यान दे रहे हैं।
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