बिलासपुर: ओडिशा सरकार महानदी के पानी को लेकर चल रहे विवाद को लेकर ट्रिब्यूनल पहुंच गया है। यहां हम आपको बता दें कि प्रदेश के सिंचाई प्रोजेक्ट को लेकर स्थगन लेने का प्रयास किया जा रहा है। इसका अंदाजा लगते ही प्रदेश के अधिकारी भी अलर्ट हो गए हैं। वहीं अब वे ओडिशा सरकार की पोल खोलने के लिए जानकारी जुटाने में जुट गए हैं। बता दें कि 15 दिसंबर को इस मामले में अहम सुनवाई है जिसे लेकर विभाग में जमकर तैयारी चल रही है।
पश्चिम बंगाल: रथ यात्रा निकालने को लेकर जिद पर अड़ी भाजपा को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा सरकार के बीच चल रहे जल विवाद को लेकर ट्रिब्यूनल गठित कर दिया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक्टिंग जज के अलावा पटना और दिल्ली हाईकोर्ट के जज भी सदस्य हैं। ओडिशा सरकार की कोशिश छत्तीसगढ़ के निर्माणाधीन सिंचाई प्रोजेक्ट पर स्थगन लेने की है। इसके लिए वे अपना तर्क दे रहे हैं।
भोपाल में हैवी व्हीकल बनने से 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकारियों को भी उनके इरादे पता है। इसके कारण यहां अधिकारी अपने बचाव में जुट गए हैं। इसके लिए वे प्रदेश की बारिश, सिंचाई आदि के आंकड़े जुटाने के अलावा ओडिशा से जुड़ी जानकारी भी एकत्र कर रहे हैं। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। महानदी पर 1947 में हीराकुंड बांध बना था। इसके अलावा बता दें कि उस समय जितने सिंचाई के लिए बांध डिजाइन की गई थी उससे कहीं अधिक क्षेत्र में अब सिंचाई हो रही है।
खबरें और भी
लोकायुक्त पुलिस ने सहायक आयुक्त के घर छापा मारा, 29 लाख कीमत का फ्लैट मिला
फ़र्ज़ी ख़बरों पर लगाम लगाने के लिए आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप अधिकारीयों के साथ की बैठक