बागपत जिले के बिजवाड़ा गांव की सर्वसमाज पंचायत ने जिले में 'शौचालय नहीं, तो दुल्हन नहीं' का आदेश पारित किया है.इस बैठक में आसपास के 10 अन्य गांवों के पंचायत प्रमुख भी मौजूद थे. आदेश में कहा गया है कि जिले का कोई भी निवासी अपनी बेटी की शादी ऐसे किसी घर में नहीं करेगा, जहां शौचालय नहीं होगा. इस फैसले के खिलाफ जाने वाले परिवार पर जुर्माना लगाया जाएगा, और उस राशि का इस्तेमाल ऐसे घरों में शौचालय बनवाने के लिए किया जाएगा, जिनमें यह सुविधा मौजूद नहीं है.
खुले में शौच की वजह से डायरिया और हैजा, पीलिया जैसी बीमारियां पैदा होती हैं. अकेले डायरिया के कारण हर साल लगभग 22 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इस फैसले से लोगों में खासी खुशी है. खासकर महिलाओं में, क्योंकि अब उन्हें अन्धेरा होने तक शौच को रोके रखने की पीड़ा और असुरक्षा का सामना नहीं करना पडेगा.
बागपत पंचायत के इस फैसले से और जिलों को भी प्रेरणा मिलेगी. यहाँ फिलहाल व्यक्तिगत घरेलू शौचालय का जिले में प्रसार 86.49 फीसदी है, जिसे 100 फीसदी बनाने के लिए प्रशासन से लेकर नागरिकों तक सभी प्रयासों में जुटे हैं. इस फैसले से प्रयास के सफल होने की संभावना बढ़ी है.
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