जोधपुर: ब्राह्मण समाज के विरुद्ध ट्विटर पर टिप्पणी करने वाले ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीईओ जैक डोरसे के खिलाफ जोधपुर की अदालत ने बासनी थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं बता दें कि अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत के जरिये परिवादी राजकुमार शर्मा ने 22 नवंबर को मजिस्ट्रेट रचना बिस्सा के समक्ष परिवाद पेश किया था।
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इसके साथ ही बता दें कि कोर्ट ने परिवाद पर शनिवार को बासनी थाना पुलिस को डोरसे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट में पेश किए गए परिवाद में बताया गया कि डोरसे भारत आए थे। इस दौरान उन्होने एक पोस्टर प्रदर्शित किया था, जिस पर लिखा था-ब्राह्माणवादी पितृृ सत्ता का नाश हो। यह ब्राह्माणों के खिलाफ एक षडयंत्र है।
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वहीं ट्विटर ने अपने एक बयान में कहा था कि यह पोस्टर एक सदस्य की ओर से जैक को दिया गया था और इसका मतलब यह है कि कंपनी सभी लोगों की बातें सुनती है और अपने सभी यूजर्स का ख्याल रखती है। वहीं ट्विटर इंडिया ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा था कि हाल ही में कंपनी ने महिला पत्रकारों के साथ एक इवेंट में हिस्सा लिया था ताकि लोगों को करीब से समझा जा सके। महिलाओं के इस समूह में से ही किसी महिला ने जैक के हाथ में यह पोस्टर थमा दिया।
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