आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रोज़ाना 30 बच्चों को बचा रहा रेलवे पुलिस फ़ोर्स

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रोज़ाना 30 बच्चों को बचा रहा रेलवे पुलिस फ़ोर्स
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नई दिल्ली: रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने जनवरी 2017 से लेकर इस साल अगस्त के बीच प्रति दिन औसतन 30 से अधिक बच्चों को बचाया है, जबकि 2017 से पहले तीन सालों तक ये आंकड़ा 20 बच्चे प्रतिदिन था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2017 से लेकर अब तक रेलवे पुलिस फाॅर्स ने 20000 बच्चों को बचाया है. जबकि 2014 , 2015 और 2016 को मिलकर इतने बच्चों को बचाया गया है.

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जहां तक ​​वर्षवार संख्याएं संबंधित हैं, आंकड़ों के अनुसार, 2017 में 11,178 बच्चों को बचाया गया था जबकि 2018 (अगस्त तक) में बाल कल्याण समितियों और गैर सरकारी संगठनों की सहायता से 8,963 बच्चों को रेलवे पुलिस बल द्वारा घर भेजा गया था. एक वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारी ने कहा कि बचाए जा रहे बच्चों की बढ़ती संख्या का मतलब यह नहीं है कि उनके साथ जुड़े अपराधों की संख्या में समान वृद्धि हुई है.

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उन्होंने कहा कि हम रेलवे परिसर में सुरक्षा की ज़रूरत वाले बच्चों की पहचान करने और अपराध में आने से पहले उन्हें घर भेजने में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इंस्पेक्टर जनरल, आरपीएफ, जया सिंह चौहान ने पीटीआई को बताया कि यही कारण है कि हम पहले से कहीं ज्यादा बच्चों को बचा रहे हैं, चौहान ने यह भी कहा कि आरपीएफ ने अपने कर्मचारियों, विशेष रूप से महिला कार्यबल के लिए व्यापक संवेदनशीलता कार्यक्रम शुरू किए हैं, इस तरह के कमजोर बच्चों से निपटने के तरीके पर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. 

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