नई दिल्ली : 2019 के लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा ने भी तैयारियां शुरू कर दी है .अपने वर्तमान लोकसभा सांसदों में से लगभग 50 प्रतिशत के प्रदर्शन से पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह खुश नहीं है.उम्मीदवारी का कोई भी फैसला सांसदों की अपने क्षेत्र और सदन में प्रदर्शन तथा सोशल मीडिया पर उनकी उपस्थिति के आधार पर होगा. इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि करीब आधे सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं. पूर्वी भारत के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने यह जानकारी दी.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ सांसदों से की गई मुलाकात में स्पष्ट रूप से कहा था कि जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, वे अगली बार टिकट की आस न लगाएं. पार्टी ने 2019 के चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की योग्यताएं तय कर दी हैं.टिकट में उन सांसदों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया हो, केंद्रीय परियोजनाओं को अपने लोकसभा क्षेत्र में बेहतर ढंग से लागू कराया हो और सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहे हों. सोशल मीडिया में दक्ष होने का आशय इन प्लेटफॉर्म पर कई लाख फॉलोअर्स होने से है.
गौरतलब है कि पार्टी के कई सांसदों ने बार-बार कहे जाने के बावजूद सोशल मीडिया को गंभीरता से नहीं लिया. कुछ ने तो अपना खाता तक नहीं बनाया है, जबकि कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद तो हैं, लेकिन सक्रिय नहीं है. मोदी और शाह की जोड़ी बिहार और उत्तर प्रदेश के सांसदों से ज्यादा खफा है.पार्टी अगले साल नए और चमकदार चेहरों को उम्मीदवार बनाना चाहती है.लोकसभा उपचुनावों में हार के बाद पार्टी में नए चेहरों की मांग भी तेज हुई है.
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