नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11 हजार 360 करोड़ के घोटाले पर पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का बयान और फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का ट्वीट सामने आया था.इसके बाद से यह मामला राजनीतिक घमासान में तब्दील होता जा रहा है , क्योंकि जब से बैंक के एमडी सुनील मेहता ने प्रेस कांफ्रेंस में यह बताया कि पहली बार इस घोटाले की जानकारी वर्ष 2011 में हुई थी. इसके बाद बैकफुट पर आई बीजेपी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए इस गड़बड़ी के लिए यूपीए सरकार को दोषी ठहरा दिया.
उल्लेखनीय है कि इस बारे में वित्त राज्यमंत्री एसपी शुक्ला ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में यूपीए को घेरते हुए कहा कि हमारी सरकार साल 2011 में नहीं थी, कांग्रेस आज आरोप लगा रही है.शुक्ला ने सवाल किया कि क्या वर्ष 2011 से लेकर 2014 तक यूपीए वाले सो रहे थे? वित्त राज्य मंत्री ने दावा किया कि इस सरकार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की है .
जबकि दूसरी ओर केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पूर्व की यूपीए सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो कुछ सामने आ रहा है वह यूपीए सरकार के समय का है.इस मामले पर निगरानी रखी जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. जो भी हो लेकिन जिस तरह से बैंक को चूना लगाकर इतनी बड़ी धोखाधड़ी की गई उससे बैंकों के एनपीए पर तो असर पड़ेगा ही आम जनता पर भी अंततःकर के रूप में अप्रत्यक्ष बोझ आ जाएगा , जबकि उसका कोई कुसूर नहीं हैं.
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