पाकिस्तान और भारत सरकार के बीच चली लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सोमवार को कुलभूषण जाधव की उनकी पत्नी और मां से पूरे 22 महीनों बाद मुलाकात हुई. वही इस मुलाकात को लाहौर जेल में 2013 में मारे गए बहुचर्चित भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने इस पुरे वाकये को नाटक बताया.
दलबीर कौर का कहना है कि इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद करीबी परिजनों के बीच शीशे की दीवार थी, तो इसका क्या मतलब रहा'. इस मुलाकात में इंसानियत का ध्यान नहीं रखा गया.
जाधव का परिवार समझ रहा होगा कि वे मुलाकात करने जा रहे लेकिन असल में इस मुलाकात का कोई मतलब नहीं रहा. उनका परिवार उन्हें गले लगाना चाहता होगा, उनसे बेरोकटोक बात करना चाहता होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पाया. ऐसी मुलाकात से उनको क्या तसल्ली मिली होगी.
आपको बता दे कि पाकिस्तान में चार साल पहले अपने भाई को खो चुकी दलबीर कौर ने कहा कि वह समझ सकती हैं कि जाधव का परिवार क्या सोच कर वहां गया होगा. दलबीर ने भी अपने भाई सरबजीत की रिहाई के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी लेकिन बावजूद इसके सरबजीत जिंदा स्वेदश नहीं लौट सके.
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