नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली की मुलाकात के दौरान भारत ने स्पष्ट कह दिया कि सीमापार आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन जारी है. ऐसे में इन हालातों में दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) पहल के साथ आगे बढ़ना कठिन है.बता दें कि 2016 में उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद पाक में होने वाले सार्क सम्मेलन से भारत हट गया था.
इस बारे में विदेश सचिव विजय गोखले के अनुसार, पीएम मोदी ने यह मामला उठने पर कहा कि वह काठमांडू में हुए सार्क सम्मेलन में बड़े उत्साह के साथ शामिल हुए थे. भारत का रवैया क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग बढ़ाने वाले मुद्दों पर साथ देने वाला रहा है, लेकिन सीमापार से चलाए जा रहे आतंकवाद के कारण मौजूदा हालात में इस तरह की पहल के साथ आगे बढ़ना कठिन है.पीएम मोदी ने कहा नेपाली पीएम मौजूदा हालात को अच्छी तरह जानते हैं. ओली ने पीएम मोदी को बताया कि उन्हें बिना पाक की मौजूदगी वाले बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम) सम्मेलन की मेजबानी करने का इंतजार है.
उल्लेखनीय है कि 2014 में हुए सार्क सम्मेलन में पीएम मोदी शामिल हुए थे. लेकिन 2016 में 18 सितंबर को उड़ी में सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद में आयोजित सम्मेलन में जाने से इंकार कर दिया. बाद में बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इंकार कर दिए जाने से अंततः सार्क सम्मेलन को रद्द करना पड़ा था.इससे इससे पाक की काफी किरकिरी हुई थी.पाक सार्क सम्मेलन को बहाल करने की कोशिशों में जुटा है.इसी संदर्भ में पाक पीएम शाहिद खाकान अब्बासी ने गत माह काठमांडू में इस्लामाबाद में इस सम्मेलन का आयोजन कराने के लिए ओली से और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना से भी समर्थन मांगा.
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