इस्लामाबाद: अब इसे भारत की कूटनीतिक सफलता कहें या अमेरिका की पाकिस्तान को फटकार कि अब पाकिस्तान ने अंततः यह मान लिया है कि उसकी जमीन पर लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठन सक्रिय हैं. इसी कारण विश्व मंच पर उसकी फजीहत होती रहती है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आतंकी समूहों को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराने के लिए पाकिस्तान की आलोचना कर चुके हैं. अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने माना कि लश्कर और जैश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित हैं. ये पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं. लश्कर और जैश जैसे आतंकी समूहों पर काबू पाए जाने तक देश अपमानित होता रहेगा. स्मरण रहे कि आसिफ की यह स्वीकारोक्ति से दो दिन पूर्व ब्रिक्स समूह की शिखर बैठक में पहली बार लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का जिक्र किये जाने के बाद आई है.
बता दें कि चीन रवाना होने से एक दिन पहले मंगलवार को विदेश मंत्री आसिफ ने सुधार की पहल करते हुए कहा कि हमें अपने घर को सुधारना होगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमानित होने से बचने के लिए अपने घर की व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी. पाकिस्तान का यह विचार परिवर्तन ऐसे ही नहीं आया है. ब्रिक्स घोषणा पत्र में लश्कर और जैश का नाम आने से पाकिस्तान को झटका लगा है.
इसके अलावा आसिफ ने बुधवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी को आश्वस्त किया कि अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान का समर्थन जारी रहेगा. इस पहल से युद्ध से परेशान अफगान में शांति और स्थिरता कायम होगी.
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