इस्लामाबाद : आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के एक माह से अधिक समय हो जाने के बाद पाकिस्तान अब भारत की निंदा करने में लगा है। इतना ही नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर तल्खी से बयान दिया और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत का भाग बता दिया तो अब पाकिस्तान परेशानी में आ गया है। पहले तो वह कश्मीर को हथियाना चाह रहा था लेकिन अब उसके सामने बलूचिस्तान का विद्रोह एक बड़ी परेशानी बन गया है। पाकिस्तान इस मुश्किल का हल आसानी से नहीं खोज पाएगा।
दरअसल बलूचिस्तान में पाकिस्तान का विरोध करने वाले भारत का समर्थन कर रहे हैं, जिसके कारण पाकिस्तान तिलमिला रहा है। इस मामले में पाकिस्तान के गृहमंत्री चैधरी निसार अली खान द्वारा राजनाथ से सवाल किए गए हैं कि भारत यह बताए कि आखिर वे हमें कौन सा पाठ पढ़ाना चाहते हैं? कोई भी पाकिस्तानी, कश्मीरी पर किसी भी तरह के अत्याचार को लेकर खामोश रहने वाला नहीं है।
निसार अली खान ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि पाकिस्तान किसी तरह का पाठ नीं पढ़ेगा। उनका कहना था कि भारत के गृहमंत्री यह बताए कि वे पाकिस्तान को कौन सा पाठ पढ़ाने की बात कह रहे हैं यदि वे शांति, भाईचारे के पाठ की बात करते हैं तो वो पाकिस्तान ही है जिसने वार्ता हेतु सदैव दरवाजे खोले हैं। इतना ही नहीं निसार ने यह भी कहा कि किसी भी तरह का विवाद बिना चर्चा के सुलझ नहीं सकता है। निसार ने कहा कि भारत ने ही वार्ता प्रक्रिया रोकी है पाकिस्तान तो चर्चा करना चाहता है।
जहां तक भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के भोजन किए बिना लौट जाने की बात है तो यह कहना चाहता हूं कि यह भोजन सार्क के तहत था, न ही मैंने भोजन आयोजित किया था। गौरतलब है कि कश्मीर के मसले को लेकर आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महत्वपूर्ण तौर पर यह कहा गया था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का एक ऐसा भाग है जिसे कभी भी कोई अलग नहीं कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जम्मू-कश्मीर का एक अटूट भाग है। दरअसल कश्मीर मसले के बिना पीओके के लोगों को शामिल किए बिना हल नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा कि पीओके के लोगों को भी चर्चा में शामिल किया जाना चाहिए। ये वे लोग हैं जो अगल जगह रहते हैं।