पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, लेकिन इसके साथ ही जनता में इसके प्रति जागरूकता लाना जरूरी है। विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा के क्रम में सीतामढ़ी जिले के डुमरा प्रखंड के बखरी गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को चंद लोग इसे शराब पीने की अपनी आजादी से जोड़कर देखते हैं। सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है कि शराब पीना तथा इसका कारोबार करना मौलिक अधिकार नहीं है।
सरकार द्वारा इस पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में रोहतास जिले और वैशाली जिले में जहरीली शराब पीने से मौत की बात सामने आई है। सीएम ने जनता से आग्रह किया की लोगों को शराब के दुष्परिणामों को लेकर समझाइश दें। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि शराब छोड़ने के बाद लोग अन्य कोई नशा न करने लगें। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से महिलाओं और युवाओं में खुशी है। सरकार ने शराबबंदी और नशामुक्ति के खिलाफ और सख्ती बरतने के लिए एक अलग विभाग बनाया है, जिस में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल एवं अधिकारी होंगे, जो इस कारोबार में लिप्त लोगों पर नजर रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली ट्रांसफार्मर पर एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिस पर पुलिस विभाग एवं मद्य निषेध विभाग का नंबर होगा जो भी इधर उधर करता है, उस नंबर पर फोन कीजिए, आपका नाम उजागर नहीं होगा लेकिन आपको इस पर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी सूचना मिल जाएगी। सरकारी लोग भी लिप्त होंगे तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 जनवरी 2018 को शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ-साथ दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला बनेगी। सीएम ने इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल होने की भी अपील की। इस दौरान उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा की कुरीति को भी खत्म करने पर जोर दिया।
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