हिन्दू मान्यताओं के आधार पर पीपल का पेड़ पूजनीय माना जाता है प्राचीन समय में ऋषिमुनियों ने इसी पेड़ के नीचे तपस्या की थी, ऐसा काहा जाता है की जो भी मनुष्य इस पेड़ की पूजा करता है उसकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है, तो चले देखते है इस पेड़ की पूजा करने से क्या फल प्राप्त होता है.
पीपल के पेड़ को अक्षय वृक्ष भी कहते है क्योकि इस पेड़ के पत्ते कभी ख़त्म नहीं होते पीपल के पेड़ इंसानी जीवन की तरह है पतझड़ आता है तो वह झड़ने लगते है लेकिन कभी एक साथ नहीं झड़ते. इस पेड़ के नीचे तपस्या करके महात्मा बुध को सच्चाई का बोध हुआ.
शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ के नीचे शिवलिंग की स्थापना करता है और रोज़ उसकी पूजा करता है तो उसकी सारी परेशानिया दूर हो जाती है.
पांच शानिवार और पांच मंगलवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ करे जल्द ही आपके कष्टों का निवारण होगा और हमेशा बुरी शक्ति से आप बचे रहेंगे.
ज्योतिषी के अनुसार पीपल का पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति की कुंडली के सभी गृह दोष शांत हो जाते हैं। जैसे-जैसे पीपल बड़ा होगा, आपके घर परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती जाएगी।
यदि आपको शनि दोष, शनि की साढेसाती और ढय्या के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए प्रति शनिवार पीपल पर जल चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए. जल्द ही इनके बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलेगा.
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