बैसाखी 2018ः सिक्ख धर्म के लोग इस पर्व को नये साल के रूप में मनाते हैं

बैसाखी 2018ः सिक्ख धर्म के लोग इस पर्व को नये साल के रूप में मनाते हैं
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आने वाले पर्व की अगर बात करें, तो अब हिन्दू धर्म का बहुत ही खास पर्व बैसाखी का आगमन होने ही वाला है, यह पर्व सिक्ख धर्म के लोगो के लिए काफी महत्व रखता है। इस साल यह त्योहार 14 अप्रैल यानि की शनिवार के दिने पड़ रहा है। यह पर्व पंजाब और हरियाणा में मुख्य रूप से मनाया जाता है। बैसाखी वैशाख माह से बना है। इस पर्व को किसान जब अपनी फसल काट लेते हैं, तो इस पर्व को नये साल के रूप में मनाते हैं। बतादें कि अप्रैल महीने में हरियाणा और पंजाब में फसलों की कटाई शुरू हो जाती है। और इसी के उपलक्ष्य में इस पर्व का आयोजन किया जाता है।

बैशाखी मुख्य रूप से किसानों द्वारा मनाया जाता है। किसानों के लिए यह पर्व एक नई उम्मीद और उमंग लेकर आता है। इस पर्व का कृषि से जुड़े होने के कारण ही इसका विशेष महत्व है। क्योंकि इस त्योहार के बाद ही गेहूं की फसल की कटाई शुरू होती है।

किसान इस त्योहार के बाद ही गेहूं की फसल की कटाई शुरु करते हैं। लेकिन कुछ जानकारों की माने तो 13 अप्रैल 1699 को सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। स्थापना करने के कारण इस दिन इस त्योहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

 

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इस मंत्र को बोलने से ही नहीं बल्कि सुनने से भी हो जाती है मनोकामना पूरी

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