मध्य प्रदेश में गुर्जर समाज ने एक अच्छी पहल की शुरुआत की है. समाज ने दहेज प्रथा को बंद करने का निर्णय लिया है. इससे पहले समाज शराबबंदी का निर्णय भी कर चुका है. समाज ने ये निर्णय 22 पंचायतों की महापंचायत में लिया है. महापंचायत बुधवार को विंडवा गांव में आयोजित हुई. इस महापंचायत में लगभग 15 हजार से 20 हजार लोग शामिल हुए.
समाज ने इस महापंचायत में कई प्रमुख निर्णय भी लिए है. दहेज प्रधा बंद करने के लिए आह्ववान हरिगिरिदास महाराज ने किया था. इस महापंचायत में ये भी निर्णय लिया गया है कि अब समाज के लोग बेटियों के विवाह समारोह में कम रूपये ही खर्ज करेंगे. विवाह में जो रीति रिवाज होते हैं उनमें मात्र बारह हजार सौ रुपए ही खर्ज किये जाएंगे. इनमें अलग-अलग रीति रिवाज के लिए पैसे निर्धारित किये हैं इनमें बेला पर 5100, भात के लिए 5100 रुपए और लगुन और टीका पर 1100 रुपए खर्ज किये जाएंगे. समाज के लोग ने उपहारों की मात्र भी सीमित कर दी है.
समाज के लोग इन बातों को आने वाली देवउठनी एकादशी से पूरी तरह से स्वीकार कर लेंगे. फिलहाल दहेज पर प्रतिबन्ध लगाने का काम जिले की बाइस पंचायतों से प्रारम्भ किया जाएगा. समाज के लोग इस अभियान को आगे दूसरे राज्यों में भी पहुंचाने की तैयारी में है ताकि जल्द से जल्द इस बुराई को समाप्त किया जा सके.
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