उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी इन दिनों सुर्खियों में है. वरुण गांधी का मानना है कि, राजनीतिक टिप्पणी करना उनके स्वभाव में नहीं है. हाल ही में उन्होंने अपने बयान में कहा कि, "लोग चाहते हैं कि मैं राजनीतिक टिप्पणी करूं, लेकिन मेरे स्वभाव में यह है ही नहीं. मैं किसी की निंदा नहीं करता, इससे दूर ही रहता हूं."
ख़ास बात यह है कि, जिले के लंभुआ विधानसभा क्षेत्र के कोथराकलां गांव में दो हजार जरूरतमंदों को कंबल बांटे. इस ख़ास मौके पर उन्होंने कहा कि, "गरीबों के आंसू पोछने से बड़ा कोई धर्म नहीं है. गरीबों की सेवा को ही अपना धर्म मानता हूं. धन दौलत कमाने से तो अच्छा है कि गरीबों की सेवा की जाए. इससे मन को शांति मिलती है."
वरुण गांधी का कहना है कि, "समाज के अंतिम पायदान पर खड़े निर्धन वर्ग के लोग स्वयं को अकेला न समझें.' इसके बाद सांसद वरुण गांधी भाजपा नेता ओमप्रकाश पांडेय बजरंगी के घर पहुंचे और उनके दिवंगत माता को श्रद्धांजलि दी. बता दे कि, वरुण गांधी भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और पार्टी के इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रीय महासचिव हैं. यही नहीं बल्कि इससे पहले वो 15वे लोकसभा में पीलीभीत से सांसद रह चुके हैं. वरुण गांधी को मार्च 2013 में राजनाथ सिंह की टीम में भी चुना गया. इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय महासचिव चुना गया और वो पार्टी के इतिहास में सबसे युवा महासचिव हैं.
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