आप सभी इस बात से वाकिफ होंगे कि भाद्रपद पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष शुरू हो चुके हैं और आज भाद्रपद पूर्णिमा का पहला श्राद्ध है. इसे में पितृदोष का निवारण इन श्राद्धों में करवा लेना है और इस बात की जानकारी सभी को है कि जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, उनकी किस्मत कभी साथ नहीं देती है, उनकी कभी तरक्की नहीं होती है. और जीवन भर दुखी होते हैं, कष्टों से भरी जिंदगी होती है. ऐसे में पितृ दोष दूर करवा लेना ही उचित माना जाता है. तो आइए जानते हैं खानदान पर पितरों का दोष या पितृ श्राप के लक्षण -
- संतान नहीं होती है संतान बुरी संगत में पड़ जाता है.
- घर में ज्यादा क्लेश झगड़े होते हैं.
- संतान बिगड़ता चला जाता है.
- बच्चे ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.
- अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती है.
- नौकरी या व्यापार स्थल पर झगड़े हो जाते हैं.
- नौकरी नहीं टिकती है -व्यापार नहीं चलता है.
- बच्चो की माता पिता से पटती नहीं है.
- बच्चे बड़ों की बात बिलकुल नहीं सुनते हैं.
- बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं माता पिता का धन बर्बाद करते रहते हैं.
- व्यापार -प्रॉपर्टी डूबा देते हैं.
- दिमाग में टेंशन बोझ रहता है.
- वंश आगे नहीं बढ़ता है.
- घर में पैसे नहीं आते है -टिकते भी नहीं हैं.
- गरीबी और क़र्ज़ बना रहता है.
- कोई मुकदमा या कोई पुलिस केस चलता रहता है.
- घर में लगातार बीमारी परेशान करती रहती है.
- कन्या या बेटे की शादी में रुकावट होती है.
- शादी के बाद भी सुखी नहीं रहते हैं.
- बार बार बदनामी होती है.
- कोई झूठा कलंक लगता है.
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