नई दिल्ली. कश्मीर के युवाओं को आतंक के रास्ते से हटाने के लिए सेना ने बीते कई वर्षों से तमाम प्रोत्साहन योजनाएं चलाईं, लेकिन एक स्थानीय आतंकी के फिदायीन बनने के खुलासे ने सबकी नींद उड़ा दी है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा सेक्टर के अवंतीपुरा में CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए. सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया. इनमें से एक आतंकी की शिनाख्त श्रीनगर में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल के बेटे के रूप में हुई है.
बता दें कि फिदायीन आतंकी फरदीन अहमद खांडे महज 16 साल का है. कुछ महीने पहले ही वह आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. फरदीन के पिता गुलाम मोहम्मद खांडे जम्मू कश्मीर पुलिस में पुलिस कांस्टेबल हैं. CRPF ने बताया कि दूसरे आतंकी की शिनाख्त मंजूर बाबा के रूप में हुई है. 22 साल का मंजूर पुलवामा का ही रहने वाला था. उसके पिता का नाम अली अहमद है. वहीं, तीसरे आतंकी की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है.
आपको बता दें कि शनिवार देर रात करीब 2 बजे, 3 आतंकी सीआरपीएफ के कैंप में घुस गए थे. आतंकियों ने पहले ग्रेनेड से हमला किया, फिर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान सेना के 5 जवान शहीद हो गए. वहीं 3 जवान ज़ख्मी हुए हैं. जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. आतंकी संगठन का कहना है कि यह फिदायीन हमला उनके आतंकी कमांडर नूर त्राली की मौत का बदला लेने के लिए किया गया है.
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