नई दिल्ली: बीआरडी कांड में नामजद सभी नौ आरोपियों को जेल भेजने के बाद पुलिस की जांच में और तेजी आ गई है. पुलिस अब कमीशनखोरी की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
सूत्रों के हवाले से ज्ञात हुआ है कि, पुलिस के हाथ कई ऐसे सबूत लगे हैं, जिससे रिटायर्ड कर्मचारी भी जांच के घेरे में आ गए हैं, और उन्हें भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है. ये सबूत पुराने कमीशनखोरों तक पहुंचने में मदद करेंगे. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद ही कमीशनखोरी का मामला सामने आया है, लेकिन बीआरडी में यह खेल नया नहीं है. पुलिस ने अब इस खेल से एक-एक कर पर्दा उठाना शुरू कर दिया है.
आपको बता दे पिछले महीने 9 से 11 अगस्त के बीच मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने निलंबित प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्रा, उनकी पत्नी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. कफील खान, उदय कुमार, चीफ फॉर्मासिस्ट गजानन जायसवाल, संजय त्रिपाठी, सुधीर के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया था. ये सभी आरोपी अब जेल में बंद हैं.
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