जम्मू: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम से रेप और हत्या के मामले पर राजनीति तेज होती जा रही है. मंगलवार को वकीलो ने इस बारे में चार्जशीट दाखिल करने जा रही टीम का विरोध किया और अब बुधवार को जम्मू बंद बुलाया गया है. पुलिस ने इस बारे में कुछ वकीलों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है. जिन्होंने उन्हें आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने से रोकने का कथित रूप से प्रयास किया. चर्चित मामले ने राज्य की राजनीति को भी विभाजित कर दिया है. महबूबा मुफ्ती सरकार के कम से कम दो भाजपा मंत्रियों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.
बकरवाल मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता दस जनवरी को यहां से 90 किलोमीटर दूर कठुआ के रासना गांव के पास के जंगलों में बने अपने घर से गायब हो गई थी. एक सप्ताह बाद उसका शव पास के इलाके से मिला था और मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न का पता चला था. शुरूआती जांच में पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा था. बाद में मामला जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा गया था.
दो आरोपपत्र दायर करने वाली अपराध शाखा टीम को उस समय मुश्किल समय का सामना करना पड़ा जब स्थानीय वकीलों ने उन्हें कल अदालत के सामने दस्तावेज पेश करने से रोकने का कथित रूप से प्रयास किया था. आज पुलिस ने वकीलों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वकीलों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जिन्होंने प्रदर्शन किया और अपराध शाखा के अधिकारियों को ड्यूटी करने से रोकने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि वकीलों की अब तक पहचान नहीं हुई है. जम्मू बार एसोसिएशन ने कल जम्मू बंद का आह्वान किया है.
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