आजकल ज़्यादातर लोग डायबिटीज की बीमारी का शिकार हो रहे है.क्या आप जानते है की डायबिटीज की बीमारी का कारन वातावरण में फैला प्रदुषण भी हो सकता है.सिर्फ डायबिटीज ही नहीं प्रदुषण के कारन मोटापे की भी समस्या हो सकती है.
एक रिसर्च में ये बात सामने आयी है की प्रदुषण के कारन हवा में मौजूद इन्फ्लेमेट्री मार्कर हमारी आंतो में जाकर वहां मौजूद इलेटसेल्स को नुकसान पहुंचाने का काम करती है.इन बॉडी सेल्स को नुकसान पहुंचने से हमारे शरीर में इंसुलिन के बनने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है.जिससे डायबिटीज के टाइप टू की संभावना बढ़ जाती है.
सिर्फ प्रदुषण ही नहीं बल्कि खाद्य पदार्थों में मौजूद केमिकल भी मोटापे और डायबिटीज का कारन हो सकते है.जो लोग बैरियाट्रिक की बीमारी से पीड़ित है तो इसका कारन मांस, मछली और दुग्ध उत्पादों में मिलावट हो सकता है.जो मोटापे और डायबिटीज की वजह बन सकता है.
प्रदुषण के कारन जो बीमारिया 40 की उम्र के बाद होती थी वो बीमारिया अब 25 के बाद ही लोगो में नज़र आने लगी है.जिनमे मोटापा और डायबिटीज प्रमुख हैं. प्रदुषण सबसे ज़्यादा हमारे फेफड़ो पर असर डालता है.जिससे फेफड़े के कैंसर, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
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