ऐक्ट्रेस, वॉइस एक्ट्रेस, मॉडल और फिल्ममेकर पूजा भट्ट शराब से जूझने की अपनी जंग को किताब की शक्ल देंगी. पूजा भट्ट ने अपनी फ़िल्मी करियर कि शुरुआत 17 साल (1989 ) की उम्र से करना स्टार्ट किया था. यह एक टीवी फिल्म थी जिससे उनके पिता ने ही डायरेक्ट किया था. इस मूवी का नाम था 'डैडी'. पूजा भट्ट अपनी शराब की लत को एक किताब के ज़रिये बताना चाहती हैं. वह इस किताब की सह-लेखिका होंगी जिसका विमोचन अगले साल होगा.
मीडिया से बात करते हुए पूजा ने कहा, "मैं यह बात साफ कर देना चाहती हूं कि यह किताब ऑटोबायॉग्रफी नहीं है. 45 साल की उम्र में अपनी जिंदगी के बारे में लिखने के लिए मैं बहुत छोटी हूं. जैसा कि फिल्मी अंदाज में कहतें हैं 'पिक्चर अभी बाकी है दोस्त' लेकिन मैं अपने सफर के बारे में बात करके अपने जैसे अन्य लोगों की मदद करना चाहती हूँ."
1991 में पूजा की डेब्यू और सबसे हिट फिल्म 'दिल हैं के मानता नहीं' आयी थी, जोकि एक ऑस्कर विनिंग हॉलीवुड मूवी का रीमेक था. पूजा भट्ट पिछले 10 महीने से शराब से दूर हैं. सीनियर फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट की बेटी पूजा ने कहा, "मुझे शराब से पीछा छुड़ाना इतना आसान नहीं था लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं था. एक किताब में चैप्टर्स की श्रृंखला का नाम जीवन है. इसकी पहले से कोई योजना नहीं थी लेकिन हमने भाई दूज पर किताब की घोषणा की है जब पारंपरिक रूप से भारतीयों का एक हिस्सा नव वर्ष की शुरुआत करता है, मेरी सभी फिल्मों की तरह मेरी इस यात्रा का भी समर्थन करें."
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