असहिष्णु दुनिया के लिए हैं महात्मा गांधी के संदेश

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पोर्ट मोर्सबी : महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पोर्ट मोर्सबी में पापुआ न्यू गिनी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शैक्षणिक कार्य में लगे शिक्षकों को संबोधित किया। दरअसल यहां पर जाने वाले वे भारत के पहले राष्ट्रपति हैं। उन्होंने परिसर में प्रतिष्ठापित महात्मा गांधी के मूर्ति शिल्प पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विद्यार्थियों के बीच विचार साझा किए। 

उन्होंने कहा कि मोहनदास करमचंद गांधी की शिक्षाऐं आज भी प्रासंगिक हैं। जहां पर असहिष्णुता और चरमपंथ बढ़ रहा है। वहां पर महात्मागांधी की प्रासंगिकता है। राष्ट्रपति के दृष्टिकोण और उपदेश इस तरह के हैं जो कि मानवता को सौहार्दपूर्ण सह अस्तित्व और परस्पर सम्मान के सही मूल्यों की याद दिलवाते हैं। समानता और सभी की स्वतंत्रता के लिए समन्वय के साथ कार्य करने की बात महात्मा गांधी ने भी कही है और यही जरूरत आज भी नज़र आती है।

उन्होंने कहा कि बढ़ते चरमपंथ, असहिष्णुता का सामना करने के लिए भाईचारे की प्रेरणा देने वाला महात्मा गांधी के विचार प्रासंगिक हैं। महात्मा गांधी ने विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश दिया था यह आज बेहद जरूरी माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों से शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न लक्ष्यों को पाया जा सकता है और मानव संसाधन का बेहतर विकास किया जा सकता है।

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