हमारे यहाँ तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. अगर कोई व्यक्ति अपने मन की बात, भगवान को सीधे न कह सके, तो वह तुलसी के माध्यम से अपनी बात, भगवान तक पहुंचा सकता है.
ऐसा माना जाता है की भगवान कृष्ण भी किसी की बात सुनें या न सुनें, लेकिन तुलसी जी की बात, हर हाल में सुनते हैं. तो अगर आपको अपनी मनचाही मुराद भगवान से मांगनी है तो पुराणों में बताई गई विधि से, तुलसी माता की पूजा करनी होगी.
ऐसे कीजिए तुलसी को प्रसन्न
1-तुलसी के पौधे के चारों तरफ स्तंभ बनायें.फिर उस पर तोरण सजायें.
2-रंगोली से अष्टदल कमल बनायें.शंख,चक्र और गाय के पैर बनायें.
3-तुलसी के साथ आंवले का गमला लगायें.तुलसी का पंचोपचार सर्वांग पूजा करें.
4-दशाक्षरी मंत्र से तुलसी का आवाहन करें. तुलसी का दशाक्षरी मंत्र-श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृन्दावन्यै स्वाहा.
5-घी का दीप और धूप दिखायें.सिंदूर,रोली,चंदन और नैवेद्य चढ़ायें.
6-तुलसी का वस्त्र से अंलकार करें.फिर लक्ष्मी अष्टोत्र या दामोदर अष्टोत्र पढ़ें.