भोपाल : कानून मंत्री रामपाल सिंह और उनके बेटे गिरजेश सिंह प्रीति रघुवंशी सुसाइड केस में बुरी तरह फस गए है. पहले पुलिस मामले पर चार दिन तक FIR दर्ज करने में टालमटोल करती रही मगर परिजनों के लगातार दबाव के कारण रामपाल और उनके बेटे कर क़ानूनी शिकंजा कस सकता है. कानून के जानकारों की माने, तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती है, तो परिजन कोर्ट में न्याय की गुहार लगाकर एफआईआर की कार्रवाई की मांग कर सकते हैं.
इस हाई प्रोफाइल मामले में रायसेन जिले के उदयपुरा में 17 मार्च को प्रीति रघुवंशी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.मंत्री रामपाल सिंह के बेटे गिरजेश प्रताप सिंह ने 20 जून 2017 को भोपाल के नेहरू नगर आर्य समाज मंदिर समिति में आर्य विवाह एक्ट-1937 के अंतर्गत शादी की थी. परिजनों का आरोप है कि गिरजेश ने प्रीति को अपनाने का कहकर उसके चार-पांच वैवाहिक रिश्तों को तुड़वा दिया था. साथ ही गिरजेश और उसके परिवार की तरफ से प्रीति और उसके परिजनों को धमकाया और प्रताड़ित भी किया जा रहा था. गिरजेश ने दूसरी सगाई भी कर ली थी. जब ये जानकारी प्रीति को पता चली, तो उसने खुदकुशी कर ली.
इस मामले में उदयपुरा पुलिस ने अभी तक एफआईआर की कार्रवाई नहीं की. बयान के नाम पर परिजनों को परेशान किया लेकिन जब मामले में राजनीति शुरू हुई, तो प्रदेश में भूचाल आ गया. कांग्रेस ने साथ दिया, तो डीजीपी के निर्देश के बाद प्रीति के पिता, मां और भाईयों के भोपाल में बयान दर्ज हुए. अब इन्हीं बयानों के आधार पर आगे की कार्यवाही की जा सकती है जिसके बाद रामपाल और उनके बेटे की मुसीबते और बढ़ने वाली है.
प्रीति के अस्थि संचय में शामिल हुआ गिरजेश
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