नई दिल्ली: देश की राजधानी में वायुप्रदूषण के चलते वातावरण खराब हो रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने के लिए वह बादलों के उपयुक्त स्तर और घनत्व का इंतजार कर रहा है और आईएमडी से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया वायु प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए दीर्घकालीन समाधान नहीं है।
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वहीं मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम एनसीएपी की शुरुआत मध्य दिसम्बर तक हो सकती है, क्योंकि इसके अधिकतर अधिकारी रविवार से होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पोलैंड गए हुए हैं. वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए एनसीएपी में कई रणनीतियां प्रस्तावित हैं।
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गौरतलब है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर शीत ऋतु में अक्सर गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है। वहीं अधिकारियों ने कहा कि हवा में प्रदूषक तत्वों को दूर करने के लिए वे क्लाउड सिडिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश करा सकते हैं। क्लाउड सिडिंग विभिन्न तरह के रासायनिक एजेंटों के बादलों के साथ सम्मिश्रण की प्रक्रिया है जिसमें सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आईस और टेबल सॉल्ट भी होता है। इससे बादलों का घनत्व बढ़ाया जाता है जिससे बारिश की संभावना बढ़ जाती है।
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