कर्नाटक चुनाव के बाद ईंधन की कीमतों मै फिर इजाफा हो सकता है. सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत में बढ़ोतरी करने का मन बना चुकी हैं. कच्चे तेल के महंगा होने और रुपये की कीमत में गिरावट होने के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में 24 अप्रैल, 2018 के बाद से कोई वृद्धि नहीं की है. इसे कर्नाटक चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है.
सरकारी तेल कंपनियों के सूत्रों के मुताबिक 13 मई, 2018 से पेट्रोल की कीमत में 1.50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है. नियमों के मुताबिक सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमत तय करने का अधिकार दे दिया गया है. लेकिन कई बार यह देखा गया है कि विधानसभा चुनावों से पहले तेल कंपनियां कीमतों में वृद्धि करने का सिलसिला कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देती हैं.
नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 24 अप्रैल, 2018 से 74.63 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है. जबकि इसके बाद कच्चे तेल की कीमत में करीब चार डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. ईरान से परमाणु करार तोड़ने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में और तेजी की संभावना दिख रही है. शुक्रवार को क्रूड पिछले साढ़े तीन वर्षो के उच्चतम स्तर 77.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है.
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