गुवाहाटी : असम के सरकारी स्कूलों के शिक्षक सोमवार से दो दिनों की हड़ताल पर चले गए हैं. शिक्षकों ने वेतन में होने वाली खामियों की वजह से यह फैसला किया है. प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों का यह कदम छात्रों के लिए झटका है क्योंकि इससे राज्य के करीब 40 लाख छात्र प्रभावित होंगे. हड़ताल में करीब 1 लाख 16 हजार शिक्षक काम से दूर रहेंगे.
इससे पहले बाढ़ आने से कई दिनों तक सभी स्कूल बंद थे. कई स्कूलों में राहत शिविर खोले गए थे. इस कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी. हड़ताल का आह्वान असम स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन (एएसपीटीए) ने किया है. इस अम्ब्रेला ऑर्गेनाइजेशन के नीचे 42 हजार प्राइमरी स्कूल आते हैं.
शिक्षक राज्य के वित्त विभाग की ओर से सितंबर में जारी अधिसूचना से परेशान हैं। इस अधिसूचना के चलते शिक्षकों को अगस्त से 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक उनके वेतन के पैसे बकाया हैं.
शिक्षकों को अप्रैल 2016 से सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन मिल रहा था लेकिन अचानक वित्त विभाग के फैसले से हम प्रभावित हो गए. अधिसूचना के मुताबिक ग्रैजुएट शिक्षकों जो 8,700 रुपए से शुरू होने वाली वे स्केल के मुताबिक वेतन ले रहे थे, उन्हें अब नॉन ग्रैजुएट की स्केल मिल रही है, जो 6,200 रुपए से शुरू होती है.
एएसपीटीए के अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षकों के हड़ताल के कारण छात्रों पर असर तो होगा. लेकिन अगर सरकार तुरंत अधिसूचना वापस ले लेती है और उनके बकाया पैसे जल्द से जल्द देना शुरू कर देती है तो शिक्षक तुरंत ड्यूटी शुरू कर देंगे.
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