नई दिल्ली : टाटा समूह ने सायरस मिस्त्री को अध्यक्ष पद से निष्कासित किया ही, लेकिन उनके हटाने के बाद वे लोग भी निशाने पर आ गये है, जो सायरस के सहयोगी हुआ करते थे। इन सभी लोगों को समूह से चुन-चुनकर निकालने का सिलसिला जारी है।
मिस्त्री को हटाने के तुरंत बाद ही न केवल कार्यपरिषद को भंग कर दिया गया था वहीं उनके द्वारा कंपनी में लाये गये लोगों को या तो हटा दिया गया या फिर कुछ एक ने स्वेच्छा से त्याग पत्र दे दिया। कार्य परिषद के सदस्य रहे प्रोफेसर निर्मल्य कुमार का आरोप है कि उन्हें हटाने में कंपनी ने एक मिनट की देर नहीं की।
बताया कि उनकी उसी दिन सेवा समाप्त करने का ऐलान कर दिया गया था जब सायरस को बाहर निकाला गया। निर्मल्य कुमार ने बताया कि उन्हें फोन कर यह बताया गया था कि हमारी कंपनी को आपकी सेवा की जरूरत नहीं रह गई है इसलिये आप दूसरे दिन से कंपनी में नहीं आये।