फिरोजपुर : जब से पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने पंजाब के 3 हजार के करीब ईंट-भट्टों पर लगाम लगाने का फैसला किया है, तब से मजदूर और भट्टा मालिकों की मुसीबतें बढ़ गई है.बता दें कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नवम्बर से फरवरी तक भट्ठे बंद करने के आदेश जारी किए हैं.
इस बारे में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि ठंड के दिनों में कोहरे के कारण भट्टों की चिमनी से निकलने वाला धुआं ऊपर न जाकर नीचे ही रहता है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. यह धुंआ कई बीमारियों को जन्म देता है. जबकि दूसरी ओर भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों ने कहा कि बारिश के सीजन में 2 महीने पहले ही भट्ठे बंद हो जाते हैं. यदि सरकार 4 महीने भट्टा बंद करने की बात करती है तो कुल 6 महीने ईंट-भट्ठे बंद रहेंगे, जिससे पंजाब में लाखों परिवार के सामने रोजी -रोटी का संकट पैदा हो जाएगा.
वहीं भट्टा मालिकों का कहना है कि उनके भट्ठों पर जो मजदूर काम करते हैं उनका पूरा खर्च भट्टा मालिक उठाता है. यदि 6 महीने ईंट-भट्टे बंद रहे तो भट्टा मालिक इन मजदूरों का खर्च उठाने में असमर्थ हो जाएंगे और लाखों परिवार बेरोजगार हो जाएंगे.जबकि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सियन एस.एस. धालीवाल इन बातों से इत्तिफाक नहीं रखते. उनके अनुसार बोर्ड ने प्रदूषण रोकने के लिए ये आदेश जारी किए हैं. इससे मजदूरों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और न ही ईंट महंगी होगी.
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