चंडीगढ़ः सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए पंजाब राज्य सरकार ने पुराने लोकपाल एक्ट को निरस्त कर उसकी जगह सशक्त लोकपाल एक्ट लाने की तैयारी शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि नए एक्ट में मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर भी मामले चलाए जा सकेंगे.
इस बारे में सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि नया लोकपाल एक्ट पहले की अपेक्षा ज्यादा सशक्त होगा.लोकपाल के पास जांच के लिए क्या-क्या शक्तियां होंगी इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है. जांच विंग को पुलिस से हटाकर लोकपाल के अधीन करने पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है.विजिलेंस विभाग द्वारा फ़ाइल मुख्यमंत्री को भेजने की बात कही जा रही है .
जबकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा अभी उन्हें फाइल नहीं मिली है, लेकिन सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है.कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अगले विधानसभा सत्र में इसे पास करवाया जाएगा उसके बाद यह अस्तित्व में आ जाएगा. सूत्रों के अनुसार नया लोकपाल एक्ट केंद्रीय लोकपाल की ही तरह होगा. स्मरण रहे कि केंद्र में कांग्रेस की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने अन्ना हजारे के लोकपाल बिल का विरोध किया था , जबकि अब पंजाब में उन्हीं की कांग्रेस सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है.राजनीति का यह रवैया भी अजीब है
यह भी देखें
बुद्ध पूर्णिमा पर पंजाब में खुले रहेंगे बैंक
कमलनाथ बने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष