मुंबई: पिछले कुछ समय से बैंक खातों को आधार से जोड़ने के लिए कवायद चल रही थी, अब इसी सिलसिले में भारतीय रिजर्व बैंक ने केवाईसी (नो युअर कस्टमर) गाइडलाइन के तहत बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है. हालांकि आरबीआई ने शुक्रवार देर रात जारी किए गए सर्कुलर में यह भी कहा है कि आधार को अनिवार्य करने का फैसला, शीर्ष अदालत में चल रहे मामले की पूरी सुनवाई होने के बाद, अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा.
गौरतलब है कि अभी तक केवाईसी गाइडलाइन के तहत निवासी प्रमाणपत्र के लिए बिजली का बिल, किराया अनुबंध जैसे दस्तावेज़ जबकि पहचान पात्र के लिए मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लइसेंस और पैन कार्ड लगा करते थे, इसके साथ ही खाताधारक को 2 नवीनतम फोटो जमा करवाने होते थे. लेकिन इस नई जारी गाइडलाइन के अनुसार ग्राहकों से आधार नंबर के साथ पैन या फॉर्म 60 लेना बैंक के लिए अनिवार्य होगा, उन सभी ग्राहकों को आधार देना अनिवार्य होगा जो इसके लिए आवेदन करने के पात्र हैं.
आरबीआई के इस नए फैसले पर सूत्रों का कहना है कि इससे बैंकिंग सेवाओं के लिए विश्वास का माहौल बनेगा, आरबीआई ने निवास और पहचान के प्रमाण के लिए दूसरे दस्तावेज लेने की अनिवार्यता खत्म कर दी है, हालांकि जम्मू कश्मीर, असम और मेघालय के निवासियों के मामले में आधार या इसके लिए आवेदन करने का प्रमाण नहीं दिया जाता है तो बैंक केवाईसी के दूसरे दस्तावेज मांग सकते हैं, इन सरकारी दस्तावेजों में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडी, नरेगा का जॉब कार्ड और नेशनल पॉपूलेशन रजिस्टर का पत्र भी शामिल है. आपको बता दें कि सरकार ने पिछले महीने मौजूदा बैंक धारकों के लिए आधार नंबर जोड़ने की अवधि अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी थी, सरकार ने कहा था कि आधार को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने के बाद इसके संबंध में नई अंतिम तारीख अधिसूचित की जाएगी.
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