नई दिल्ली: कांग्रेस ने यूपी के विधानसभा चुनाव की जंग हर हाल में जीतने के लिये कमर कस ली है। बीजेपी को दुश्मन नंबर एक मानने वाली कांग्रेस अब वही कर अपनी पैठ जमाने का प्रयास कर रही है, जिसके कारण नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की नैया आसानी से पार कर ली थी। चुंकि कांग्रेस सभी जगह हाशिये पर पड़ी हुई है, इसलिये यूपी चुनाव में रणनीति के तहत ही कार्य किया जा रहा है।
आपको याद होगा कि नरेन्द्र मोदी की चाय पर चर्चा काफी लोकप्रिय हुई थी और उसका लाभ भी मोदी एंड पार्टी को मिला था। अब इसी तरह कांग्रेस यूपी में खाट पर चर्चा रखेगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष अपने मिशन यूपी के तहत ग्रामीणों से खाट पर बैठकर चर्चा करेंगे। कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल की लोगों से यह करीबी यूपी चुनाव में फायदा दिलवायेगी। गौरतलब है कि राहुल गांधी 6 सितंबर से यूपी मिशन पर रहेंगे। एक माह तक वे यही रहकर रोड शो के साथ ही जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
रामलला की शरण में जायेंगे राहुल-
अयोध्या में चाहे रामलला के मंदिर का मुद्दा हो या फिर रामलला के दर्शन करने का ही मामला क्यों न हो, इस मुद्दे को बीजेपी ही भुनाती रही है। कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हिन्दू वोटों को भुनाने के लिये राहुल को रामलला की शरण में ले जाने की योजना बनाई है, ताकि हिन्दू यह न समझे कि रामलला केवल बीजेपी के ही है। हालांकि रामलला के दरबार में जाने के लिये फिलहाल सोनिया गांधी की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।
मोदी की भी नैया लगाई थी पार-
जिस प्रशांत किशोर के कांधों पर यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी है, वे इसके पहले मोदी की नैया को भी पार करा चुके है। प्रशांत किशोर ने ही मोदी के लिये चाय पर चर्चा का कार्यक्रम तय किया था और यह कार्यक्रम इतना प्रसिद्ध हुआ कि मोदी आज देश के प्रधानमंत्री बने हुये है। हालांकि कांग्रेस ने चाय की चर्चा के बदले खाट पर चर्चा इसलिये कर दिया है ताकि बीजेपी यह आरोप न लगाये कि कांग्रेस उसकी नकल कर रही है। राहुल ग्रामीणों से खाट पर बैठकर चर्चा करते समय ग्रामीणों के साथ चाय भी पीयेंगे।
मोदी के गढ़ को भेदने के लिये राहुल उतरेंगे मैदान मे
यूपी के प्रचार में दाढ़ी वाले राहुल