रोती गिड़गिड़ाती सिमरन, आँखों में अंगारे लिए उसका हाथ पकड़े बाउजी और चलती ट्रैन के गेट से हाथ बढ़ता हुआ राज .. कुछ याद आया. जी हाँ, हम बात कर रहे है फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे की. जिसमे आखिरी सीन में काजोल ने भागते हुए ट्रैन पकड़कर काफी सुर्खियां बटोरी थी. यह तो हुई फिल्म की बात किन्तु कितने ही लोग इस तरह ट्रैन पकड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते है और कई तो अपनी जान गँवा भी देते है.
पिछले कुछ सालों में इस तरह की दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी होने के कारण रेलवे ने एक ख़ास मुहीम चलाई है. रेलमंत्री पियूष गोयल ने इस अवार्ड विनिंग फ़िल्मी दॄश्य का सहारा लेकर लोगों से अपील की है की वे इस तरह के जोखिमों से दूर रहें. क्यूंकि फिल्म जिंदगी नहीं होती, और जिंदगी फिल्म नहीं होती. इसी के साथ रेलमंत्री ने एक हैशटैग भी जारी किया है जिसका नाम है "रेलवे के जरोखे से".
उन्होंने बताया की रेलवे को आप जब भी याद करें तो आपके मन में अपने घर का उत्सव, अपने परिवार की खुशियां, गांव की मिटटी याद आएं ना की किसी अजीज के हताहत होने का ग़म. इसीलिए रेलमंत्री ने यात्रियों से सतर्कता बरतने की मांग की है. साथ ही उन्होंने रेल्वे की साफ़ सफाई पर ध्यान देने की बात भी कही.
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