नई दिल्ली : बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है. मगर इस बार बजट से रेलवे को कम ही उम्मीदे है. इसका कारण है वित्त मंत्री अरुण जेटली का पिछले महीने दिया गया वो बयान जिसमे उन्होंने कहा था कि हाईवे और बंदरगाह क्षेत्र ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है, परंतु रेलवे को स्टेशन विकास, ट्रेनों की गुणवत्ता और बुलेट ट्रेन परियोजना के मामले में अभी बहुत कुछ करना शेष है. मगर चालू वित्तीय वर्ष में रेलवे के खर्च का ग्राफ बहुत ऊंचा नहीं है.
इसी के साथ रेलवे से जुड़े सूत्रों की माने तो नए स्रोतों से आमदनी के प्रयास भी फ़िलहाल उतने सफल नहीं हुए है, जितनी की उम्मीद थी. इन सब को मिलाकर एक बात साफ होती है की की आगामी बजट में रेलवे के लिए खुश खास होने की गुंजाईश कम ही है. बजट का जोर इस बार बुनियादी ढांचे की मजबूती पर होगा. जिसका फायदा सड़क और बंदरगाह मंत्रालय को मिलेगा. जबकि रेलवे और विमानन क्षेत्रों को थोड़े से संतोष करना पड़ सकता है. इसका कारण इनका प्रदर्शन है.
आकड़ो को समझने की कोशिश करे तो पिछले बजट में रेलवे को कुल 1.30 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक योजनाओं का आवंटन हुआ था. एक लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय संरक्षा कोष का गठन भी किया गया था. साथ ही चार प्रमुख क्षेत्रों संरक्षा, पूंजीगत एवं विकासात्मक कार्य, स्वच्छता तथा वित्त एवं लेखा सुधार पर ध्यान देने की जरूरतों के बारे में कहा गया था.
आज से सस्ते हुए 82 उत्पाद और सेवाएं