नई दिल्ली: राजस्थान देश का एक ऐसा इकलौता राज्य है, जहां पर दो दशकों से मतदाता सत्ता की बाजी पलट देते हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि 7 दिसंबर को राजस्थान में मतदान होना है। वहीं बता दें कि इस राज्य में 1998 के बाद किसी भी एक राजनैतिक दल को लगातार दो बार शासन करने का मौका नहीं मिला है। वहीं बता दें कि बीते दो दशकों में हुए चार विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो एक बार बीजेपी तो दूसरी बार कांग्रेस के हाथों सत्ता की बागडोर आई है।
एक ही चुनाव चिन्ह से दो प्रत्याशियों ने लड़ा चुनाव
वहीं पिछले कुछ वर्षों तक कुछ ऐसी ही स्थिति पंजाब और तमिलनाडु की भी थी। इसके साथ ही पंजाब में एक बार बीजेपी तो दूसरी बार अकाली दल और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनती थी। वहीं बता दें कि यदि तमिलनाडु की बात करें तो वहां एक बार डीएमके तो दूसरी बार एआईएडीएमके को सत्ता की बागडोर मिलती थी। इसके साथ ही पंजाब का यह मिथक 2012 के विधानसभा चुनाव में टूट गया।
गौरतलब है कि 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने अकाली दल को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का मौका दे दिया। वहीं तमिलनाडु में यह मिथक 2016 के विधानसभा चुनावों में टूटा। इसके अलावा बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2016 में वहां की जनता ने एआईएडीएमके को दूसरी बार सरकार बनाने का मौका दिया। वहीं बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2007 में अकाली दल ने 48 सीटों पर जीत हासिल कर अपनी सरकार बनाई थी।
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