जयपुर: देश में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर अभी बाकी है। जानकारी के अनुसार बता दें कि राजस्थान के जैसलमेर और पोकरण में जातिगत गोलबंदी को अपने पक्ष में करने के लिए दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है, लेकिन दलित मतदाताओं तक पहुंच के मामले में कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा से आगे नजर आ रही है। वहीं बता दें कि इसकी एक बड़ी वजह यहां भीम सेना नामक समूह है जो कांग्रेस के पक्ष में डोर टू डोर प्रचार कर रहा है।
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यहां बता दें कि भीम सेना से जुड़े लोगों का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार और वसुंधरा राजे सरकार में दलित समुदाय के लोगों एवं उनको मिले संवैधानिक अधिकारों को निशाना बनाया गया है, इसलिए वे दोनों सरकारों को सबक सिखाने चाहते हैं। इसके अलावा बता दें कि इस समूह के कार्यकर्ता दलित समुदायों की बस्तियों एवं उनके घरों पर जाकर जैसलमेर और पोकरण विधानसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं। बता दें कि ये लोग व्हाट्सऐप का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि कांग्रेस ने जैसलमेर सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के रूपा राम और पोकरण सीट पर मुस्लिम समुदाय के शाले मोहम्मद को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बता दें कि शाले मोहम्मद जैसलमेर के सिंधी मुस्लिम धर्म गुरू गाजी फकीर के पुत्र हैं। इसके साथ ही जैसलमेर-पोकरण क्षेत्र में भीम सेना के अध्यक्ष कैलाश चंद नागौरा ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारा संगठन इस इलाके में पिछले पांच वर्षों से सक्रिय है। मौजूदा समय में हमारे करीब एक हजार सदस्य दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में डोर टू डोर प्रचार में जुटे हुए हैं।
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