जयपुर : आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. जिस पर पुरे देश मे महिलाओं के लिए और उनके सम्मान में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है और उनके योगदान और उनकी उपलब्धियों, समानता के अधिकार को लेकर भाषण दिए जा रहे है वहीं राजस्थान सरकार का एक फैसला विवादों से घिर गया है जिसके अनुसार कॉलेज जाने वाली लड़कियों के जींस पैंट और टी शर्ट पहने पर पाबंदी लगा दी गई है साथ ही कॉलेज में स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला भी किया गया है. ड्रेस कोड शिक्षण सत्र 2018-19 से लागू करने का फैसला किया गया है जिसके बाद कॉलेजों में पढ़ रही 1 लाख 86 हजार लड़कियों का ड्रेस कोड फॉलो करना अनिवार्य हो जाएगा.
उच्च शिक्षा मंत्री किरण महेश्वरी ने कहा कि अलवर और जयपुर में गुरु शिष्य संवाद में स्टूडेंट की ओर से ही ये बात सामने आई थी कि कॉलेज में पासआउट स्टूडेंट और बाहरी छात्र आ जाते हैं जिससे कॉलेज का माहौल खराब होता है और अनुशासनहीनता होती है. इन शिकायतों को देखते हुए इस बार तय किया गया है कि आगामी सत्र यानी 2018-2019 में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. ड्रेस का रंग भगवा करने के आरोपों पर महेश्वरी ने साफ किया कि सरकार ने कोई रंग तय नहीं किया है अगर स्टूडेंट कोई रंग तय करेंगे तो इसका सरकार विरोध नहीं करेगी यानी कि अगर किसी कॉलेज से भगवा ड्रेस की आवाज आती है तो ड्रेस भगवा भी हो सकती है.
गौरतलब है कि ड्रेस कोड को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी और पंजाब के कुछ स्कूलों और कॉलेजों ने भी इस तरह के फैसले लिए थे जिन्हे विरोध का सामना करना पड़ा था.
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