इंदौर: भगवान रामचन्द्रजी का जन्मोत्सव या रामनवमी हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. राम नवमी भारत में एक बहुत ही लोकप्रिय त्योहार है जिसे बेहद उल्लास के साथ मनाया जाता है. हिन्दुओं के लिए राम नवमी का बड़ा ही महत्व है, इस साल राम नवमी 2018 का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा. शास्त्रों को अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था.
राम नवमी के दिन भगवान को प्रसाद के रूप में पंचामृत, श्री खंड, खीर या हलवे का भोग लगाया जाता है. राम जी के पूजन में दूध और घी का अहम स्थान होता है और इसी वजह से राम नवमी के शुभ अवसर घी की बनाई गई मिठाईयां खाई जाती हैं. उपवास और भोज दोनों ही इस त्योहार का आवश्यक हिस्सा है. इस साल 25 मार्च को 8 बजकर 3 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी और 2 बजकर 21 मिनट से पुनर्वसु नक्षत्र उदित होगा जिससे रामनवमी का पूजन करने के लिए 2 बजकर 21 मिनट के बाद का समय बहुत ही उत्तम रहेगा. 25 मार्च को रामनवमी का उत्सव मनाया जाएगा.
भगवान राम को विष्णु जी का अवतार माना जाता है. हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त कर और पुन: धर्म की स्थापना हेतु भगवान विष्णु ने धरती पर मनुष्य के रूप में राम अवतार लिया था. यह त्योहार आमतौर पर मार्च-अप्रैल के दौरान मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार राम नवमी चैत्र माह के नौवें दिन है, जो नवरात्रि का आखिरी दिन भी होता है. इसलिए भी हिंदू त्योहारों में राम नवमी का विशेष महत्त्व है, पूरे देश में रामनवमी के पर्व को उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में विशेष रूप से अयोध्या में इस दिन भव्य उत्सव का आयोजन किया जाता है जोकि भगवान राम की जन्मभूमि है.
रामनवमी पर दुल्हन सी सजी राम जन्मभूमि अयोध्या
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