हनुमान चालीसा को भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम माना गया है. इसलिए आइये जानते है की कैसे हनुमान की भक्ति और शक्ति का प्रभाव व्यक्ति को स्वस्थ्य और सुखद जीवन देने वाला होता है.
आइये जानते है-
1-शास्त्रों के मुताबिक श्री हनुमान जितेन्द्रिय और ब्रह्मचारी है. श्री हनुमान का यह बेजोड़ गुण ही सांसारिक प्राणी के लिए हमेशा रोग और दु:ख से मुक्त रहने का बेहतरीन सूत्र माना गया है. इस बेजोड़ गुण के कारण ही श्री हनुमान भक्ति और उपासना के नियमों में पवित्रता, मर्यादा और संयम का पालन अहम माना गया है.
2-श्री हनुमान के इन गुणों और भक्ति के नियम किसी भी इंसान को इंद्रिय संयम के संकल्प से जोड़ते हैं. इंद्रिय संयम द्वारा इंसान बुरे संग, गलत खान-पान, कुविचार, बुरे व्यवहार के साथ बुरा बोलने, सुनने और देखने से दूर रहता है.
3-दूसरी ओर केवल शरीर द्वारा ही नहीं बल्कि मन और विचारों के द्वारा भी ब्रह्मचर्य व्रत पालन, सरल शब्दों में समझें तो संयम करने से सद्भभावों, सद्गुणों व अच्छी आदतों को जीवन में उतरने से जीवनशैली व दिनचर्या अनुशासित होती है.
4-सेहतमंद रहने के लिए यही बातें अहम होती हैं. जब इंसान तन और मन से स्वस्थ व दोषरहित होता है तो जाहिर है वह शारीरिक, मानसिक व व्यावहारिक जीवन के कष्टों से बचा रहेगा.
5-इसी कारण माना जाता है कि हनुमान का स्मरण रख संयम और अनुशासन को अपनाना निरोगी, सुखी और शांत जीवन के लिए बहुत ही मंगलकारी है.